2. एक प्राकृ तिक आपदा एक प्राकृ तिक जोखिम का ही पिणााम ह
-जसे की ज्वालामुिी ववस्फोट , भूकं प, या भू स्िलज जो
कक माजव गतिववधि यों को प्रभाववि कणिा ह | माजव दु्बललिा
को उधिि योजजा औण आपाि कालीज प्र्ंिज का आवभाव
औण ्ढा देिा ह, जजसकी वजह से आधथबलक, माजवीय औण
पयाबलवणा को जुकसाज पहुुँििा ह |
प्राकृ तिक आपदाएं
3. पिणााम स्वरूप होजे वाली हातज तजभबलण कणिी ह जजसंख्या की
आपदा को ्ढावा देजे या ववणोि कणजे की क्षमिा पण, अथाबलि
उजके लिीलापज पण |
ये समझ कें द्रिि ह इस वविाण में: "ज् जोखिम औण दु्बललिा
का ममलज होिा ह ि् दुण् घटजाएं घटिी हैं". जजज इलाकों में
दु्बललिा तजद्रहि ज हों वहां पण एक प्राकृ तिक जोखिम कभी भी
एक प्राकृ तिक आपदा में िब्दील जहीं हो सकिा ह, उदाहणा
स्वरूप, तजजबलज प्रदेश में एक प्र्ल भूकं प का आजा |
ब्जा माजव की भागीदाणी के घटजाएं अपजे आप जोखिम या
आपदा जहीं ्जिी हैं, इसके फलस्वरूप प्राकृ तिक शब्द को
वववाद्रदि ्िाया गया ह |
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5.
6. •एक भूकं प पृथ्वी की परि से ऊर्ाा के अचानक उत्पादन के पररणाम स्वरूप आिा है र्ो
भूकं पी िरंगें उत्पन्न करिा है.
•पृथ्वी की सिह पर, भूकं प अपने आप को, भूमम को हहलाकर या ववस्थावपि कर के
प्रकट करिा है.र्ब एक बडा भूकं प अधिके न्र अपिटीय स्थति में होिा है, यह समुर के
ककनारे पर पयााप्ि मात्रा में ववस्थापन का कारण बनिा है, र्ो सूनामी का कारण है.
भूकं प के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिववधियों को भी पैदा कर
सकिे हैं.
•सवााधिक सामान्य अथा में, ककसी भी सीस्स्मक घटना का वणान करने के मलए भूकं प
शब्द का प्रयोग ककया र्ािा है, एक प्राकृ तिक घटना या मनुष्यों के कारण हुई कोई
घटना -र्ो सीस्स्मक िरंगों को उत्पन्न करिी है.
अक्सर भूकं प भूगभीय दोषों के कारण आिे हैं, भारी मात्रा में गैस प्रवास , पृथ्वी के
भीिर मुख्यिः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन, और नामभकीय पररक्षण ऐसे मुख्य
दोष हैं. भूकं प का ररकार्ा एक सीस्मोमीटर के साथ रखा र्ािा है, र्ो सीस्मोग्राफ भी
कहलािा है.
• एक भूकं प का क्षण पररमाण पारंपररक रूप से मापा र्ािा है, या सम्बंधिि और
अप्रचमलि ररक्टर पररमाण मलया र्ािा है, ३ या कम पररमाण की ररक्टर िीव्रिा का
भूकं प अक्सर इम्परसेप्टीबल होिा है और ७ ररक्टर की िीव्रिा का भूकं प बडे क्षेत्रों में
गंभीर क्षति का कारन होिा है
•. झटकों की िीव्रिा का मापन ववकमसि मरकै ली पैमाने पर ककया र्ािा है.
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8. समुरी िूफान - को र्ापानी में सूनामी बोलिे हैं, यानी बन्दरगाह के
तनकट की लहर। दरअसल ये बहुि लम्बी - यानी सैकडों ककलोमीटर
चौडाई वाली लहरें होिी हैं, यानी कक लहरों के तनचले हहस्सों के बीच का
फासला सैकडों ककलोमीटर का होिा है।
पर र्ब ये िट के पास आिी हैं, िो लहरों का तनचला हहस्सा ज़मीन को
छू ने लगिा है,- इनकी गति कम हो र्ािी है, और ऊँ चाई बढ़ र्ािी है।
ऐसी स्स्थति में र्ब ये िट से टक्कर मारिी हैं िो िबाही होिी है।
गति 400 ककलोमीटर प्रति घण्टा िक, और ऊँ चाई 10 से 17 मीटर िक।
यानी खारे पानी की चलिी दीवार।
अक्सर समुरी भूकम्पों की वर्ह से ये िूफान पैदा होिे हैं।
प्रशान्ि महासागर में बहुि आम हैं,
9.
10. भूस्खलन एक भूवैज्ञातनक घटना है।
िरािली हलचलों र्ैसे पत्थर खखसकना या धगरना, पथरीली ममटटी का
बहाव, इत्याहद इसके अंिगाि आिे है।
भू-स्खलन कई प्रकार के हो सकिे हैं और इसमें चट्टान के छोटे-छोटे
पत्थरों के धगरने से लेकर बहुि अधिक मात्रा में चट्टान के टु कडे और
ममटटी का बहाव शाममल हो सकिा है िथा इसका ववस्िार कई
ककलोमीटर की दूरी िक हो सकिा है।
भारी वषाा िथा बाढ़ या भूकम्प के आने से भू-स्खलन हो सकिा है।
मानव गतिवधियों, र्ैसे कक पेडों और वनस्स्पि के हटाने, सडक ककनारे
खडी चटटान के काटने या पानी के पाइपों में ररसाव से भी भू-स्खलन हो
सकिा है।
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12. ज्वालामुखी पृथ्वी के सिह पर उपस्स्थि मुख होिे है स्र्नसे
पृथ्वी के भीिर का गमा लावा, गैस, राख आदी बाहर आिे है।
अक्सर ज्वालामुखी पहार्ं के रूप मे होिे है। ज्वालामुखी
अकसर ववस्फोट के साथ फटिे है।
ज्वालामुखी के फटने या पत्थरों के धगरने से होने वाला
ईरप्शन अपने आप में एक आपदा हो सकिे हैं, लेककन इनके
कई सारे प्रभाव र्ो की ईरप्शन के बाद हो सकिे हैं वो भी
मानव र्ीवन के मलए हातनकारक हैं |
लावा स्र्सके अन्दर अत्यन्ि गरम पत्थरों का समावेश
होिा है, ककसी ज्वालामुखी के ईरप्शन के दौरान उत्पन्न
होिा है |
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14. चक्रवािी िूफान
िूफान उष्णकहटबंिीय चक्रवाि, और आँिी एक ही िरह की
घटना के मलए अलग अलग नाम हैं: एक चक्रवािी िूफान
व्यवस्था र्ो महासागरों के ऊपर बनिी है.अब िक का सबसे
भीषण हररके न िूफान था १९७० का भोला चक्रवाि एटलांहटक
का सबसे भीषण हररके न था १९७० का महान हररके न िूफान
स्र्सने माटीतनक, सेंट युस्िेतियुस और बारबार्ोस को िबाह
कर हदया था .एक और उल्लेखनीय िूफान है िूफान कै टरीना ,
संयुक्ि राज्य अमेररका के खाडी िट को 200 में िबाह कर
हदया था.
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16. बाढ़ आमिौर पर तनरंिर मूसलािार बरसाि या गरर्दार
िूफान के कारण होिी है, लेककन यह सुनामी और िटीय
िूफानी र्लमग्निा का भी पररणाम हो सकिा है। बाढ़
खिरनाक हो सकिी है यहद:
•पानी काफी गहरा हो या बहुि िेर्ी से बह रहा हो
•बाढ़ बहुि िेर्ी से बढ़ी हो
•बाढ़ के पानी में मलबा, र्ैसे कक पेड और नालीदार इस्पािी
चादरें आहद बहे चले आ रहे हों
बाढ़ का आक्रमण होने से पहले ही िैयारी कर लेने से,
आपका घर और कारोबार को होने वाली क्षति को कम करने
में और आपको बच तनकलने में मदद ममलेगी।
सके अपने मकान-मामलक से सम्पका करें और अपनी
संबंधिि बीमा कं पनी से सम्पका करें।
बाढ़
17.
18. आग दहनशील पदाथों का िीव्र ऑक्सीकरण है, स्र्ससे उष्मा,
प्रकाश, और अन्य अनेक रासायतनक प्रतिकारक उत्पाद र्ैसे
काबान र्ाइऑक्साइर् and र्ल. उत्पन्न होिे हैं. ऑक्सीकरण से
उत्पन्न गैस आयनीकृ ि होकर प्लाज्मा. पैदा करिे हैं.
दहनशील पदाथा में सस्न्नहहि अशुद्धि के कारण ज्वाला के
रंग और आग की िीव्रिा में अंिर हो सकिा है. सामान्य रूप
में आग दाह पैदा करिा है स्र्समें भौतिक रूप से पदाथों को
क्षतिग्रस्ि करने की क्षमिा है|