1.
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SMT. JAYAKRISHNA K DHANYA D S
G C T E THYCAUDU 17014300005
G C T E Thycaudu TVM
2.
छा ा या पका का नाम : ध या ड. एस क ा : 9D
नर णा या पका का नाम : ीमती जयकृ णा ता रख :17.8.15
कू ल का नाम : जी.जी.ए च.एस.एस.आ टटगल समय :40 मनट
वषय : हंद कालांश :1
इकाई : नह ं बंदूक , बजाएँ बाँसुर छा सं या :40
पाठ : हरो शमा
ोि त : क वता
पाठ का नाम : हरो शमा
कु ल कालांश : 6
3.
पा यचया उ े य :
*क वता क ओर छा क च लाना ।
*क वता क भाषा, शैल , यु त श दावल आ द से अवगत
कराना ।
*क वता आ वादन का अवसर ।
पा य व तु : हरो शमा
पा यव तु वशलेषण : वषयपरक : यु के वनाशकार भाव से अवगत कराना ।
सम यापरक : यु वनाशकार है ।
अ ययन े : वशमानव क अवधारणा पा यत होना क ि थ त ।
सम या े : यु का असर पीढ दर –पीढ होता है ।
उपसम या े : यु वनाशकार है ।
5.
या त या
ा कथन :
अ या पका आव यक सहायक साम य के साथ
क ा म वेश करती है । अ भवादन – य भवादन के बाद
गनती लेकर यामपट काय उ चत ढंग से करती है ।
पूव ान :
1. यु अ नवाय है या नह ं ?
2. या यु वनाशकार है ?
3. यु का फल या है ?
नह ं
हाँ
वनाश
6.
या त या
2 य देकर आपको कै से लगा ?
3 या यु वनाशकार है ?
4 यु क् शकार कौन- कौन है ?
5 यु का कौन-सा भाव हम पर पडता है ?
6 यु रोकने के लए या- या कर सकते ह ?
7 यु के त आप का मनोभाव या है ?
ग त व ध 2
इसके बाद अ या पका पवर पोइंट वारा इनका
सं ि तकरण करती है । जैसे
उ तर दगे
उ तर दगे
उ तर दगे
उ तर दगे
उ तर दगे
उ तर दगे
7.
या त या
यु हमेश वनाशकार है । यु के य अंतकरण को
झकझोरते ह । कोई भी लडाई कसी सम या का समाधान
बन नह ं सक है। बेकसूर लोग यु के शकार बन जाते
ह । यु मानव पर हमेश बुरा भाव डालता है ।
व वमानवता का बोध जगाकर ह हम यु रोक सकते
ह ।यु को अव य टालना चा हए ।
अ या पका आदश वाचन करती है । छा वारा
अनुकरण वाचन करवाती है ।
वाचन करगे
8.
या
त या
सम या ढ करण
*यु वनाशकार है
*बेकसूर लोग यु के शकार बन जाते ह ।
*यु का असर पीढ दर – पीढ होता ह ।
पुनरवलोकन
यु अ नवाय है या नह ं ?
यु के शकार कौन है ?
यु रोकने के लए या- या कर सकते ह ?
नह ं
बेकसुर लोग
व वमानवता का बोध
जगाकर