2. www.onlineschooladmissions.com मीठा बोलें, अच्छा बोलेंबच्चे गलत और सही में फर्क नहीं कर पाते, ऐसे में पैरेंट्स होने के नाते आपकी जिम्मेदारी है कि आप उनको सही और गलत में फर्क समझाएं। अकसर देखा गया है कि बच्चे अपने अभिभावक या परिवार की शह पर ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। यही नहीं यदि आप भी अपनी बोलचाल में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करती हैं, तो संभव हो कि बच्चा भी नकल करे। इसलिए बच्चों से कभी भी कड़वी भाषा न बोलें।
4. www.onlineschooladmissions.com मीठा बोलें, अच्छा बोलें साधारण बातचीत में भी अच्छे शब्दों का इस्तेमाल करें। इसी तरह आप उनको सही तरीके से कम्युनिकेट करना भी सिखा सकती हैं। मगर इसके लिए आपको एक अच्छा श्रोता बनना पड़ेगा। इसलिए जब भी अपने बच्चे से बात करें, हमेशा आंखों से आंखें मिलाकर बात करें। इससे बच्चे को भी लगेगा कि आप उसमें रुचि ले रही हैं। वो अपनी हर बात शेयर भी करेगा। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
7. www.onlineschooladmissions.com शिष्टाचार भी है जरूरीअच्छी आदतें और व्यवहार की कुछ बातें बच्चे बिना सिखाए ही आपसे सीख लेते हैं। जैसे रोजमर्रा की जिंदगी में यदि आप उनके साथ व्यवहार करते हुए सम्मान व आदर सूचक संबोधन करेंगी, तो वे भी प्रतिक्रिया देंगे। ‘कृपया’ और ‘धन्यवाद’ जैसे शब्द हमेशा अपने बच्चों के सामने बोलें। आपकी इस तरह की प्रतिक्रिया निश्चित रूप से बच्चे को प्रभावित करेगी और इस तरह आप अपने बच्चे के लिए रोल मॉडल बन जाएंगी।
11. www.onlineschooladmissions.com स्कूल में आपका बच्चाबच्चों की प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत नर्सरी से होती है। जहां वे अपने पैरेंट्स से दूर टीचर से संबंध बनाते हैं। उनके साथ वे दोस्ताना संबंध बनाते हैं। इसलिए आप बच्चे के सामने किसी शिक्षक के बारे में अपमानजनक भाषा में बात न करें। आपको यह समझना चाहिए कि एक शिक्षक आपके बच्चे को अच्छी बातें ही सिखाते हैं। इसलिए कभी भी शिक्षक की क्षमता पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगाना चाहिए। शिक्षक के प्रति सद्व्यवहार को विकसित करें और उनके प्रति अपनी शुभकामनाएं पेश करें। अगर बच्चों में शिक्षक के प्रति सम्मान की भावना होगी, तो वह टीचर की सुनेगा।