1. Chapter 3 - साना-साना हाथ जोड़ि (प्रश्न अभ्यास)
Question 1:
झिलमिलाते मसतारों की रोशनी िें नहाया गंतोक लेझिका को ककस
तरह सम्िोहहत कर रहा था?
रात के अंधकार में सितारों िे नहाया हुआ गंतोक लेखिका को जादुई
अहिाि करवा रहा था। उिे यह जादू ऐिा िम्मोहहत कर रहा था
कक मानो उिका आस्ततत्व तथगगत िा हो गया हो, िब कु छ
अथथहीन िा था। उिकी चेतना शून्यता को प्राप्त कर रही थी। वह
िुि की अतींहियता में डूबी हुई उि जादुई उजाले में नहा रही थी जो
उिे आस्त्मक िुि प्रदान कर रही थी।
Question 2:
गंतोक को 'िेहनतकश बादशाहों का शहर' क्यों कहा गया?
गंतोक के लोगों की मेहनत ही थी कक गंतोक आज भी अपने पुराने
तवरूप को कायम रिे हुए है। उनका अथक प्रयाि ही उनकी प्रकृ तत
की धरोहर को िंजोय हुए है। यहााँ जीवन बेहद कहिन है पर यहााँ के
लोगों ने इन कहिनाईयों के बावजूद भी शहर के हर पल को
िुबिूरत बना हदया है। इिसलए लेखिका ने इिे'मेहनतकश
बादशाहों का शहर' कहा है।
Question 3:
2. कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना ककन अलग-अलग
अवसरों की ओर संके त करता है?
यहद ककिी बुद्गधतट की मृत्यु होती है तो उिकी आत्मा की शांतत के
सलए 1081 श्वेत पताकाएाँ फहराई जाती हैं। कई बार ककिी नए
कायथ के अविर पर रंगीन पताकाएाँ फहराई जाती हैं। इिसलए ये
पताकाएाँ,शोक व नए कायथ के शुभांरभ की ओर िंके त करते हैं।
Question 4:
जजतेन नागे ने लेझिका को मसजक्कि की प्रकृ तत, वहााँ की भौगोमलक
जथथतत एवं जनजीवन के बारे िें क्या िहत्वपूर्ण जानकाररयााँ
द ं, मलझिए।
(क) नागे के अनुिार सिस्ककम में घाहटयााँ, िारे रातते हहमालय की
गहनतम घाहटयााँ और फू लों िे लदी वाहदयााँ समलेंगी।
(ि) नागे के अनुिार पहाडी राततों पर फहराई गई ध्वजा बुद्गधतट
की मृत्यु व नए कायथ की शुरूआत पर फहराए जाते हैं। ध्वजा का रंग
श्वेत व रंग-बबरंगा होता है।
(ग) सिस्ककम में भी भारत की ही तरह घूमते चक्र के रूप मे
आतथाएाँ, ववश्वाि, अंधववश्वाि पाप-पुण्य की अवधारणाएाँ व
कल्पनाएाँ एक जैिी थीं।
(घ) वहााँ की युवततयााँ बोकु नाम का सिस्ककम का पररधान डालती
हैं। स्जिमें उनके िौंदयथ की छटा तनराली होती है। वहााँ के घर,
घाहटयों में ताश के घरों की तरह पेड के बीच छोटे-छोटे होते हैं। वहााँ
के लोग मेहनकश लोग हैं व जीवन काफी मुस्श्कलों भरा है। बच्चों
3. को बहुत ऊाँ चाई पर पढाई वे सलए जाना पडता है कयोंकक दूर-दूर तक
कोई तकू ल नहीं है। इन िब के ववषय में नागे लेखिका को बताता
चला गया।
(ङ) नागे के अनुिार सिस्ककम के कटाओ शहर की
िुबिूरती, स्तवट्ज़रलैंड की िूबिूरती को मात देती हुई हदिाई देती
है।
Question 5:
लोंग थटॉक िें घूिते हुए चक्र को देिकर लेझिका को पूरे भारत की
आत्िा एक−सी क्यों हदिाई द ?
लेखिका सिस्ककम में घूमती हुई कवीं-लोंग तटॉक नाम की जगह पर
गई । वहााँ एक कु हटया में घूमता चक्र है। मान्यता है कक इिे घुमाने
िे िारे पापों का नाश होता है। लेखिका के अनुिार आप भारत के
ककिी भी कोने में चले जाएाँ आपको लोगों की
आतथाएाँ, ववश्वाि, अंधववश्वाि, पाप−पुण्य की अवधारणाएाँ और
कल्पनाएाँ हर जगह एक िी समलेंगी हर जगह उनके भगवान बदल
जाएाँ, पूजा के तरीकों में अन्तर हो परन्तु ववश्वाि िदैव एक िा
रहेगा और यही ववश्वाि पूरे भारत को एक ही िूत्र में बााँध देता है
जहााँ पूरे भारत की एक आत्मा प्रततत हो, ऐिा जाना पडता है।
Question 6:
जजतेन नागे की गाइड की भूमिका के बारे िें ववचार करते हुए
मलझिए कक एक कु शल गाइड िें क्या गुर् होते हैं?
4. नागे एक कु शल गाइड था। वह अपने पेशे के प्रतत पूरा िमवपथत था।
उिे सिस्ककम के हर कोने के ववषय में भरपूर जानकारी प्राप्त थी
इिसलए वह एक अच्छा गाइड था।
एक कु शल गाइड में तनम्नसलखित गुणों का होना आवश्यक है -
(क) एक गाइड अपने देश व इलाके के कोने−कोने िे भली भााँतत
पररगचत होता है, अथाथत् उिे िम्पूणथ जानकारी होनी चाहहए।
(ि) उिे वहााँ की भौगोसलक स्तथतत, जलवायु व इततहाि की
िम्पूणथ जानकारी होनी चाहहए।
(ग) एक कु शल गाइड को चाहहए कक वो अपने भ्रमणकताथ के हर
प्रश्नों के उत्तर देने में िक्षम हो।
(घ) एक कु शल गाइड को अपनी ववश्विनीयता का ववश्वाि अपने
भ्रमणकताथ को हदलाना आवश्यक है। तभी वह एक आत्मीय ररश्ता
कायम कर अपने कायथ को कर िकता है।
(ङ) गाइड को कु शल व बुद्गधमान व्यस्कत होना आवश्यक है। ताकक
िमय पडने पर वह ववषम पररस्तथततयों का िामना अपनी कु शलता
व बुद्गधमानी िे कर िके व अपने भ्रमणकताथ की िुरक्षा कर िके ।
(च) गाइड को इि बात का ध्यान रिना चाहहए कक भ्रमणकताथ की
रूगच पूरी यात्रा में बनी रहे ताकक भ्रमणकताथ के भ्रमण करने का
प्रयोजन िफल हो। इिके सलए उिे हर उि छोटे बडे प्राकृ ततक
रहतयों व बातों का ज्ञान हो जो यात्रा को रूगचपूणथ बनाए।
(छ) एक कु शल गाइड की वाणी को प्रभावशाली होना आवश्यक है
इििे पूरी यात्रा प्रभावशाली बनती है और भ्रमणकताथ की यात्रा में
5. रूगच भी बनी रहती है।
Question 7:
इस यात्रा − वृत्ांत िें लेझिका ने हहिालय के जजन − जजन रूपों का
चचत्र िींचा है, उन्हें अपने शब्दों िें मलझिए।
गैंगटॉक के होटल की बालकनी िे उिे हहमालय की तीिरी िबिे
बडी चोटी कं चनजंघा हदिाई देती परन्तु मौिम की िराबी के
कारण वह उिके दशथन नहीं कर पाईं। पर चारों तरफ़ उिे
तरह−तरह के रंग−बबरंगे फू ल ही फू ल हदिे स्जिने उिे मोहहत कर
सलया। चारों तरफ़ हहमालय की गहनतम वाहदयााँ और फू लों िे लदी
घाहटयााँ थी। मागथ ़रूर ितरनाक था परन्तु उिके चारों ओर
मनोहारी व आत्मीय िुि देने वाले दृश्य थे। यूमयााँग के करीब
जैिे−जैिे वह बढने लगे रातते वीरान, िाँकरे व जलेबी की तरह
घुमावदार हो रहे थे। हहमालय बडा होते−होते अब ववशालकाय लगने
लगा। घाहटयााँ गहराती−गहराती पाताल नापने लगीं। वाहदयााँ चौडी
होती गईं और वाहदयााँ फू लों िे भरने लगीं। ऐिा लग रहा था मानो
तवगथ में पहुाँच गए हों। चारों तरफ दूध की धार की तरह हदिने वाले
जलप्रपात थे तो वहीं नीचे चााँदी की तरह कौंध मारती तततता नदी।
स्जिने लेखिका के ह्रदय को आनन्द िे भर हदया। इि अनुपम दृश्य
को देिकर हहमालय के प्रतत उिका अिीम प्रेम िम्मान के रूप में
झुक गया। िेवन सितटिथ वॉटर फाल देिकर तो लेखिका मंत्रमुग्ध
हो गई। तवयं को इि पववत्र वातावरण में पाकर भावववभोर हो गई
6. स्जिने उनके ह्रदय को काव्यमय बना हदया।
Question 8:
प्रकृ तत उस अनंत और ववराट थवरूप को देिकर लेझिका को कै सी
अनुभूतत होती है?
प्रकृ तत के उि अनंत और ववराट तवरूप को देिकर लेखिका को
अिीम आत्मीय िुि की अनुभूतत होती है। इन िारे दृश्यों में जीवन
के ित्य को लेखिका ने अनुभव ककया। इि वातावरण में उिको
अद्भुत शास्न्त प्राप्त हो रही थी। इन अद्भुत व अनूिे ऩारों ने
लेखिका को पल मात्र में ही जीवन की शस्कत का अहिाि करा
हदया। उिे ऐिा अनुभव होने लगा मानो वह देश और काल की
िरहदों िे दूर बहती धारा बनकर बह रही हो और उिके अंतरमन
की िारी तामसिकताएाँ और िारी वािनाएाँ इि तनमथल धारा में बह
कर नष्ट हो गई हों और वह चीरकाल तक इिी तरह बहते हुए
अिीम आत्मीय िुि का अनुभव करती रहे।
Question 9:
प्राकृ ततक सौंदयण के अलौककक आनंद िें डूबी लेझिका को कौन−कौन
से दृश्य िकिोर गए?
लेखिका हहमालय यात्रा के दौरान प्राकृ ततक िौंदयथ के अलौककक
आनन्द में डूबी हुई थी परन्तु जीवन के कु छ ित्य जो वह इि
आनन्द में भूल चूकी थी, अकतमात्वहााँ के जनजीवन ने उिे
झकझोर हदया। वहााँ कु छ पहाडी औरतें जो मागथ बनाने के सलए
7. पत्थरों पर बैिकर पत्थर तोड रही थीं। उनके आटे िी कोमल काया
पर हाथों में कु दाल व हथोडे थे। कईयों की पीि पर बच्चे भी बाँधे हुए
थे। इनको देिकर लेखिका को बहुत दुि हुआ कक ये हम िैलातनयों
के भ्रमण के सलए हहमालय की इन दुगमथ घाहटयों में मागथ बनाने का
कायथ कर रही हैं। जहााँ पर जान कब जाए कोई नहीं जानता। इनके
सलए यह भोजन मात्र पाने का िाधन है और हमारे जैिे िौलातनयों
के सलए मनोरजंन का। दूिरी बार उिकी जादूई तनिा तब टूटी जब
उिने पहाडी बच्चों को उनिे सलफट मााँगते देिा। िात आि िाल के
बच्चों को रो़ तीन−िाढे तीन ककलोमीटर का िफ़र तय कर तकू ल
पढने जाना पढता है। तकू ल के पश्चात् वे बच्चे मवेसशयों को चराते
हैं तथा लकडडयों के गट्जिर भी ढोते हैं। तीिरे लेखिका ने जब चाय
की पवत्तयों को चूनते हुए सिस्ककमी पररधानों में ढकी हुई लडककयों
को देिा। बोकु पहने उनका िौंदयथ इंिधनुष छटा बबिेर रहा था।
स्जिने उिे मंत्रमुग्ध कर हदया था। उन्हें मेहनत करती हुई इन
बालाओं का िौंदयथ अिह्रय लग रहा था।
Question 10:
सैलातनयों को प्रकृ तत की अलौककक छटा का अनुभव करवाने िें
ककन−ककन लोगों का योगदान होता है,उल्लेि करें।
िैलातनयों को प्रकृ तत की अलौककक छटा का अनुभव कराने में िबिे
बडा हाथ एक कु शल गाइड का होता है। जो अपनी जानकारी व
अनुभव िे िैलातनयों को प्रकृ तत व तथान के दशथन कराता है। वहााँ
के तथानीय तनवासियों व जन जीवन का भी महत्वपूणथ तथान होता
8. है। उनके द्वारा ही इि छटा के िौंदयथ को बल समलता है कयोंकक
यहद ये ना हों तो वो तथान नीरि व बेजान लगने लगते हैं। िबिे
महत्वपूणथ अपने समत्रों व िहयाबत्रयों का िाथ पाकर यात्रा और भी
रोमांचकारी व आनन्दमयी बन जाती है।
Question 11:
"ककतना कि लेकर ये सिाज को ककतना अचिक वापस लौटा देती
हैं।" इस कथन के आिार पर थपष्ट करें कक आि जनता की देश की
आचथणक प्रगतत िें क्या भूमिका है?
हमारे देश की आम जनता स्जतना श्रम करती है, उिे उिका आधा
भी प्राप्त नहीं होता परन्तु कफर भी वो अिाध्य कायथ को अपना
कतथव्य िमझ कर करते हैं। वो िमाज का कल्याण करते हैं परन्तु
बदले में उन्हें तवयं नाममात्र का ही अंश प्राप्त होता है। यहद ये आम
जनता ना हो तो देश की आगथथक प्रगतत बबगड जाएगी। इन्हीं के
श्रम के कारण देश की आगथथक प्रगतत बढती है। उदाहरण के तौर पर
यहद ये लोग पवथतों पर या मुस्श्कल तथानों पर कायथ ना करें तो मागथ
बनना आिान न होगा। हम कै िे िैलातनयों को घुमाने के तथानों
तक पहुाँचा पाएाँगे कयोंकक िैलातनयों िे प्राप्त पैिों िे देश की
आगथथक स्तथतत मजबूत होती है। सिफथ इिी क्षेत्र में नहीं अवपतु
िभी क्षेत्रों में आम जनता ही भारत कक आगथथक स्तथतत को मजबूत
करने में महत्वपूणथ भूसमका तनभाती है।
Question 12:
9. आज की पीढ द्वारा प्रकृ तत के साथ ककस तरह का झिलवा़ि ककया
जा रहा है। इसे रोकने िें आपकी क्या भूमिका होनी चाहहए।
आज की पीढी के द्वारा प्रकृ तत को प्रदूवषत ककया जा रहा है। हमारे
कारिानों िे तनकलने वाले जल में ितरनाक कै समकल व रिायन
होते हैं स्जिे नदी में प्रवाहहत कर हदया जाता है। िाथ में घरों िे
तनकला दूवषत जल भी नहदयों में ही जाता है। स्जिके कारण हमारी
नहदयााँ लगातार दूवषत हो रही हैं। अब नहदयों का जल पीने लायक
नहीं रहा है। इिका जीवन्त उदाहरण यमुना नदी है। जो आज एक
नाले में बदल गई है। वनों की अन्धांधुध कटाई िे मृदा का कटाव
होने लगा है जो बाढ को आमंबत्रत कर रहा है। दूिरे अगधक पेडों की
कटाई ने वातावरण में काबथनडाइ आकिाइड की अगधकता बढा दी है
स्जििे वायु प्रदुवषत होती जा रही है। हमें चाहहए कक हम समलकर
इि िमतया का िमाधान तनकाले। हम िबको समलकर अगधक िे
अगधक पेडों को लगाना चाहहए। पेडों को काटने िे रोकने के सलए
उगचत कदम उिाने चाहहए ताकक वातावरण की शुद्धता बनी रहे।
हमें नाहदयों की तनमथलता व तवच्छता को बनाए रिने के सलए
कारिानों िे तनकलने वाले प्रदूवषथत जल को नहदयों में डालने िे
रोकना चाहहए। नहदयों की तवच्छता बनाए रिने के सलए, लोगों की
जागरूकता के सलए अनेक कायथक्रमों का आयोजन होना चाहहए।
Question 13:
प्रदूषर् के कारर् थनोफॉल िें किी का जजक्र ककया गया है? प्रदूषर्
के और कौन − कौन से दुष्पररर्ाि सािने आए हैं, मलिें।
10. प्रदूषण के कारण वायुमण्डल में काबथनडाइआकिाइड की अगधकता
बढ गई है स्जिके कारण वायु प्रदूवषत होती जा रही है। इििे िााँि
की अनेकों बीमाररयााँ उत्पन्न होने लगी है। जलवायु पर भी इिका
बुरा प्रभाव देिने को समल रहा है स्जिके कारण कहीं पर बाररश की
अगधकता हो जाती है तो ककिी तथान पर िूिा पड जाता है। कहीं
पर बाररश नाममात्र की होती है स्जि कारण गमी में कमी नहीं
होती। मौिम पर तो इिका अिर िाफ हदिाई देने लगा है।
गमी के मौिम में गमी की अगधकता देिते बनती है। कई बार तो
पारा अपने िारे ररकाडथ को तोड चुका होता है। िदीयों के िमय में
या तो कम िदी पडती है या कभी िदी का पता ही नहीं चलता। ये
िब प्रदुषण के कारण ही िम्भव हो रहा है। जलप्रदूषण के कारण
तवच्छ जल पीने को नहीं समल पा रहा है और पेट िम्बन्धी अनेकों
बीमाररयााँ उत्पन्न हो रही हैं।
ध्वतन प्रदूषण िे मनुष्य में कान िम्बन्धी रोग हो रहे हैं।
Question 14:
'कटाओ' पर ककसी भी दुकान का न होना उसके मलए वरदान है। इस
कथन के पक्ष िें अपनी राय व्यक्त कीजजए?
यहद अगधक दुकानें िुली तो िैलातनयों का अगधक आगमन आरम्भ
हो जाएगा स्जि कारण उिकी िुन्दरता पर भार पड जाएगा।
कयोंकक वहााँ पर वाहनों के अगधक प्रयोग िे वायु में प्रदुषण बढ
जाएगा। िैलातनयों द्वारा जगह−जगह इततेमाल ककए गए
प्लास्तटक थैली, गगलाि आहद ची़ों िे प्राकृ ततक िौंदयथ घट
11. जाएगा। इिसलए वहााँ दुकान का न होना उिके सलए ककिी वरदान
िे कम नहीं है।
Question 15:
प्रकृ तत ने जल संचय की व्यवथथा ककस प्रकार की है?
प्रकृ तत, िहदथयों के िमय में पहाडों पर बफथ बरिा देती है और जब
गमी शुरू हो जाती है तो उि बफथ को वपघला कर नहदयों को जल िे
भर देती है। स्जििे गमी िे व्याकु ल लोगों को गसमथयों में जल की
कमी नही होती। यहद प्रकृ तत ने बफथ के माध्यम िे जल िंचय की
व्यवतथा ना की होती तो हमारे जीवन के सलए आवश्यक जल की
आपूततथ िम्भव नहीं थी।
Question 16:
देश की सीिा पर बैठे फौजी ककस तरह की कहठनाइयों से जूिते
हैं? उनके प्रतत हिारा क्या उत्रदातयत्व होना चाहहए?
हमारे िैतनकों (फौजी) भाईयों को उन बफथ िे भरी िंड में हििुरना
पडता है। जहााँ पर तापमान शून्य िे भी नीचे गगर जाता है। वहााँ
निों में िून को जमा देने वाली िंड होती है। वह वहााँ िीमा की रक्षा
के सलए तैनात रहते हैं और हम आराम िे अपने घरों पर बैिे रहते
हैं। वे हमारे सलए अपने प्राणों का बसलदान करते हैं, एक िजग प्रहरी
की तरह िीमा की रक्षा करते हैं। हमें चाहहए कक हम उनके व उनके
पररवार वालों के प्रतत िदैव िम्माननीय व्यवहार करें। स्जि तरह
12. वह अपने कत्तथव्यों का तनवाथह करते हैं, हमें उनके पररवार वालों का
ध्यान रि उिी तरह अपने कतथव्यों का पालन करना चाहहए। उनका
अनादार नहीं करना चाहहए, िदैव उनको अपने िे पहले
प्राथसमकता देनी चाहहए कफर चाहें वो ककिी भी जगह हों। इिके
द्वारा हम कु छ हद तक अपने कत्तथव्यों का तनवाथह कर िकते हैं।