1. ICT BASED LESSON PLAN
छा ा या पका का नाम : ी मा.जी.एस क ा :नवीं
नर णा या पका का नाम : ीमती.जयकृ णा.के छा सं या :46
कू ल का नाम : जी.जी.एच.एस.एस, नेडुमंगाड समय :35 म नट
वषय : हंद कालांश :
इकाई : नह ं बंदूक, बजाएँ बाँसुर तार ख :
पाठ का नाम : हरो शमा
ोि त : क वता
पाठ का नाम : हरो शमा
कु ल कालांश :
2.
पा यचया उ े य : ⇒ पवरपो ट के मा यम से क वता, हरो शमा प र चत करने का अवसर |
⇒ यु से संबं धत क वता का प रचय दलाना |
⇒ यु संसार का नाश करता है |
⇒ यह पवरपो ट से दखाना |
पा यव तु :
पा यव तु व लेषण : भाषापरक – नए श द : तज, फट , बरसा, चौक |
वषयपरक – यु कसी भी सम या का समाधान नह ं है | यह पवरपो ट से य त करना |
मनोभाव : यु का असर बहुआयामी है | अनेक लोग इसका शकार बन जाते ह |
हरो शमा
एक दन सहसा
..................................
.................................................
....................दोपहर फर ?
3. अ ययन े : पवरपो ट से दखाना है क यु का असर या है ?|
सम या े : यु क वभी षकाएँ छा को दखाना |
उपसम य : बेकसूर लोग यु के शकार बन जाते ह | यह पवरपो ट से समझाना |
याएँ : ♦ पूव ान जगाना |
♦ छा को दल म बाँटना |
♦ यु का कई य तुत करना |
♦ व ल खत यु से संबं धत क वता का तुतीकरण |
♦ अनुबंध काय देना |
सहायक साम ी : पा यपु तक, पवरपो ट संटेशन
पूवधारणा : छा को क वता के बारे म पूवधारणा होगा |
4. या त या
अनुमा नत वा त वक
ा कथन
अ या पका आव यक साम य के साथ क ा म वेश
करती है | अ भवादन- य भवादन के बाद गनती लेकर यामपट
काय उ चत ढंग से करती है |
पूव ान
पूव ान जगाने के लए कु छ न पूछती है |
जैसे :
♦ आप लोग यु के बारे म सुना है या ?
♦ या आप यु का य कह ं देखा ?
छा उ तर दगे हाँ
छा उ तर दगे नह ं
5. या त या
अनुमा नत वा त वक
ग त व ध -1
अ या पका कहते ह क यु वनाशकार है, वह
सवनाश करेगा | इसके बाद अ या पका छा को दल म बाँटती है |
फर एक पावर पो ट संटेशन दखाती है | पावर पो ट वारा
व वध य क ा म तुत करती है |
ग त व ध -2
फर अ या पका पु तक म प ना सं या 42 खोलने का
आदेश देती है | अ या पका क वता का नाम और लेखक का नाम
यामपट पर लखती है | अ या पका क वता का अलापन करती है |
इसके बाद छा वारा अनुकरण आलापन कराती है |
6. या त या
अनुमा नत वा त वक
ग त व ध -3
छा को पा यव तु से संब धत एक क वता लापटॉप
वारा तुत करती है |
यु क त
यु क तर का
न चलता
सभी माग पर
य ?
य क वह तो
संसार का नाश करती है |
कृ त और जीव-जंतु
सब हरा |
7. हर-जीत म फायदा नह ं
एक-एक तृण भी
यु क हानी
न मानव कोसमझ न सका |
सम या ढ़ करण
• यु क तर का सभी माग पर न चलता है |
• य क यह संसार का सवनाश करती है |
• यु के करण सब पशु-प ी का मृ यु हुआ |
• मानव-मानव को समझ न सकता है |
पुनरवलोकन
♦ यु य वनाशकार है ?
♦ या आप को लगता है आज मानवता का अि त व है ?
छा उ तर दगे य क संसार का सवनाश
करती है |
छा उ तर दगे नह ं
8. या त या
अनुमा नत वा त वक
अनुबंध काय
आज मानव, मानव को समझता नह ं है | इसके बारे म
एक लेख ल खए |