जल प्रदूषण, से अभिप्राय जल निकायों जैसे कि, झीलों, नदियों, समुद्रों और भूजल के पानी के संदूषित होने से है। जल प्रदूषण, इन जल निकायों के पादपों और जीवों को प्रभावित करता है और सर्वदा यह प्रभाव न सिर्फ इन जीवों या पादपों के लिए अपितु संपूर्ण जैविक तंत्र के लिए विनाशकारी होता है।
जल प्रदूषण का मुख्य कारण मानव या जानवरों की जैविक या फिर औद्योगिक क्रियाओं के फलस्वरूप पैदा हुये प्रदूषकों को बिना किसी समुचित उपचार के सीधे जल धारायों में विसर्जित कर दिया जाना है।
4. जल प्रदूषण, से अभिप्राय जल निकायों जैसे कक, झीलों, िददयों, समुद्रों और िूजल के
पािी के संदूषषत होिे से है। जल प्रदूषण, इि जल निकायों के पादपों और जीवों को
प्रिाषवत करता है और सववदा यह प्रिाव ि भसर्व इि जीवों या पादपों के भलए अषपतु
संपूणव जैषवक तंत्र के भलए षविाशकारी होता है।
जल प्रदूषण का मुख्य कारण मािव या जािवरों की जैषवक या कर्र औद्योगिक
कियाओं के र्लस्वरूप पैदा हुये प्रदूषकों को बििा ककसी समुगित उपिार के सीधे
जल धारायों में षवसर्जवत कर ददया जािा है।
5. हालांकक प्राकृनतक र्ेिोमेिा जैसे की ज्वालामुखी, शैवाल र्ूल (algae bloom),तुर्ाि
(storm) और िूकंप से जल की िुणवता मैं िारी िदलाव आजाते हैं ,जल जिी प्रदूषषत
होता है जि (water quality) अन्थ्रोपोिेनिक संदूषण अपंि हो जाते हैं और वह मािव के
इस्तेमाल (जैसे पीिे के पािी) के भलये उपयोिी िही रहेता या उसमें ऐसा िदलाव होता है
की उसमें अपिे जैषवक समुदायों को समर्वि देिे की क्षमता िही रहेती जल प्रदूषण के
कई कारण और अभिलक्षण हैं जल प्रदूषण के मूल कारण अक्सर उिके प्रार्भमक स्रोत से
आधाररत हैं स्र्ल-स्रोत प्रदूषण यह आशय देता है कक संदूषक जलामािव के माध्यम से एक
असतत " बिदं ुस्रोत " म ैंप्रवेश करतें है इस श्रेणी में शाभमल हैं अपभशष्ट उपिार संयंत्र,
र्ैक्टरी से ओउत्र्ल्लल्लस स्राव िूभमित टैंक, आदद.
6. प्रमुख कारि जो जल को प्रदूषषत करता हैं वो हैं रासायनिकओ, रोिजिक और शारीररक या
संवेदी पररवतवि हालांकक कई रसायि और तत्व जो कक स्वािाषवक रूप (लोहा, मैंििीज,
आदद) से होते है, एकाग्रता की कंुजी का पता लिािे के भलये पािी केप्राकृनतक घटक और
संदूषकको देखा जाता है कई रासायनिक पदार्ववैशाली है.पर्ोिेंस मािव या जािवरों में
जलजनित िीमाररयााँपैदा कर सकते हैं पािी के िौनतक रसायि षवज्ञाि िदलाव में शाभमल
अम्लता, षवद्युत िालकता, तापमाि, और एउत्रोकर्काशि .हैं पोभशक तत्व जो पहेले दुलवि
र्े व्ही तत्व आज कल उत्रोकर्काशि, र्दटवलाइजेशि द्वारा सतह के पािी को पोशाक तत्व
देते हैजल प्रदूषण षवश्व संदिव में एक िडी समस्या हैयह सुझाव ददया िया है कक यह
दुनिया िर की प्रमुख मृत्यु और िीमाररयों का कारि है.
7. ज़्यादातर जल प्रदूषण िददयों द्वारा महासािरों मैं गिरिे की वजह से होता है षवश्व के कुछ
क्षेत्रों में प्रिाव का पता लिाया जा सकता है सौ मील की दूरी से मुंह का प्रयोि करते हुए
अध्ययि के द्वारा जलषवज्ञाि मॉडल पररवहि का इस्तमाल करते हुए. उन्थ्ित कंप्यूटर
मॉडल जैसे की स डब्लू ऍम ऍम या डी एस एस ऐ ऍम मॉडल यह इस्तेमाल ककये िए हैं
और जलीय प्रणाली पर प्रदूषक का क्या असर पडता उसका पता लिाया जा सके , उदाहरण
के भलए . प्रदूषण का िाग्य जाििे के भलए कर्ल्लटर िोजि कोपेपोड्स जैसी प्रजानतयों का िी
अध्ययि ककया िया है यह उच्ितम षवष सीधे हडसि िदी के मुंह में िही आता हडसि
िदीहै, लेककि १०० ककलोमीटर दक्षक्षण में है, क्योंकक प्लेकटॉि ऊतक होिे मैं कए ददि लि
जाते हैं िोभलस िल के कारि.
8. िमूिाकरण पािी जरूरत पडिे पर कई रूप ले सकता है जो सटीकता और संदूषक की
षवशेषताओं पर निर्वर करता है।िहुत से संदूषक इवेंट्स लौककक है और सिसे जादा
सामान्थ्यता संघ वषाव के सार् है इस कारण के भलये िराि ' िमूिे के रूप में संकेतक
इस्तेमाल ककया जा सकता है,लेककि ये हमेशा कार्ी िही होते की पूरी तरह से शरीर में
पािी की गितंाओ ंको जांिा सके . वैज्ञानिकों जो इस तरह के आकंडे इख्ता करते हैं वह
स्वतःिमूिा को नियोर्जत करते है जो की पािी को समय या उन्थ्मोिि अिुसार पम्प
वृद्गध करता है